दहेज के लिए हमने कई बार लड़की और उसके परिवार को प्रताड़ित करने वाली खबर सुनी है लेकिन शायद ही आपने कभी ये सुना होगा कि बहू से कोई दहेज नहीं लेने के बाद भी सास-ससुर ने उसे मुंह दिखाई में 11 लाख की कार गिफ्ट में दिया.
अब तक आपने भारी भरकम दहेज देने और लेने के किस्से कहानियां सुनी होगी या फिर देखी भी होगी लेकिन अब हम आपको एक ऐसी खबर दिखाने जा रहे हैं, जो दहेज लेने वालों के मुंह पर तो करारा तमाचा है ही बल्कि साथ ही साथ बहू को बेटी के रूप में मानने की एक मिसाल भी है. बिना दहेज की शादी और उसके बाद बहू को कार गिफ्ट में देकर इस सास-ससुर ने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.
खबर झुंझुनूं के बुहाना से है, जहां पर खांदवा गांव में सात फेरे लेकर आई एक विवाहिता को उसके सास-ससुर ने मुंह में दिखाई में 11 लाख रुपये के कीमत वाली कार गिफ्ट दे डाली जबकि दहेज में कुछ नहीं लिया और एक रुपये नारियल में रस्में अदा की. यह परिवार है खांदवा गांव का रहने वाला रामकिशन का परिवार. रामकिशन खुद सीआरपीएफ (CRPF) में एसआई (SI) है.
दरसअल, रामकिशन के इकलौते बेटे रामवीर की शादी अलवर के गोहाना गांव की इंशा के साथ हुई. इंशा बीए सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रही है तो रामवीर भी एमएससी कर रहा है. शादी के वक्त इंशा के माता-पिता ने अपनी बेटी को ठाठ-बाठ से ना केवल विदा किया बल्कि रामकिशन के परिवार को दहेज की पेशकश भी की लेकिन रामकिशन ने कहा कि आप अपनी बेटी, जो एक अनमोल धन है. वो हमें दे रहे हैं. इसके अलावा कुछ नहीं चाहिए.
जब इंशा सात फेरे लेकर खांदवा गांव पहुंची और मुंह दिखाई की रस्म हो रही थी तो ससुर रामकिशन और सास कृष्णादेवी ने 11 लाख रुपये की कीमत वाली ब्रेजा कार की चाबी सौंपी, जिसे देखकर इंशा भी खुश हो गई. दोनों सास-ससुर ने कहा कि वे घर में बहू नहीं लाए बल्कि बेटी लाए हैं. जिसके लाड चाव बेटी की तरह करेंगे. इंशा ने भी इसे अपनी खुशकिस्मती बताया. इस मौके पर वर-वधू को बधाई देने के लिए सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनियां भी पहुंचे. जिन्होंने समाज का संदेश देने वाला पल बताते हुए कहा कि इस तरह के संदेश ही दहेज जैसी कुरीतियों से समाज को मुक्ति दिलाएंगे. जब हम बहूओं को बेटी मानने लगेंगे तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन होंगे.